Wo Petrol Pump Waala Ladka

 वो पेट्रोल पम्प वाला लड़का!

लम्बी है पर, ज़रा सी!
ये बात डैडी के जाने के क़रीबन दस साल बाद की है यानी की 2004 के लगभग। चूँकि माँ नें डैडी के जाने के बाद decide किया था कि वो अब गाँव में ही रहेंगी तो मैं जब भी जाता ऊना तो कोई न कोई सरकारी काम निकल आता था, या तो हमारी ज़मीन से related या फिर माँ के काग़ज़ातों को लेकर।
इस बार पैन कार्ड का कुछ चक्कर था और उसके लिये एक certificate बनवाना था तहसीलदार के दफ़्तर से। मैं माँ के साथ गया और क्लर्क के पास हम पहुँचे। मैंने application form उसके सामने रखा तो उसने नज़र उठा के मुझे देखा और देखते ही खड़ा हो गया। बोला अरे sir आप! मैंने माँ की ओर देखा और झिझकते हुए कहा sir ये मेरी mother हैं इनका certificate बनवाना है। उसने माँ के पैर छुये और आगे आकर कुर्सी पे बिठाया और मुझे भी। चपरासी को आवाज़ लगाई, सारा काम उसने हाथों हाथ करवाया और file को sign करने के लिये तहसीलदार के दफ़्तर भिजवाया, फिर बोला माता जी आप आराम से बैठो और मुझे बोला आओ sir बाहर चलते हैं जब तक फ़ाइल आती है। मैं hypnotised उसके साथ बाहर आ गया।
बाहर आते ही बोला, ‘अपनी वाली सिगरेट पिलाओ।’
मैं clean bowled हो गया। सिगरेट लेते हुए उसने पूछा आपने मुझे पहचाना नहीं शायद? मैं क्या बोलता! सिर्फ़ उसके चेहरे को देख रहा था और पुरज़ोर दिमाग़ी घोड़े दौड़ा रहा था की इस बन्दे से कब और कहाँ मिला!
बहुत ही mischievous सी smile देके बोला, ‘आप 24 December 2001 में शिमला से चण्डीगढ़ के लिये निकले थे रात को 9 बजे!’
ये झटका था मेरे लिये। फिर बोला 31 December को आपका जन्मदिन होता है! मेरे दिमाग़ का fuse उड़ चुका था। दो कश लेके हँसा और बोला आपने अपना जन्मदिन Christmas eve के दिन हमारे साथ बिताया था पेट्रोल पम्प पे! ‘मैं पेट्रोल पम्प वाला लड़का हूँ!’
दिमाग़ की घण्टी बजी और याद आया!
1994 में डैडी के गुज़र जाने के बाद मैं घर की तरफ़ तवज्जो नहीं दे पाया था और 2001 में मैंने ब्रेक लिया था घर के काम काज के लिये। उस दिन शिमला में सरकारी दफ़्तरों के चक्कर काट के रात को ऊना माँ के पास निकला। काम हो चुके थे तो मैंने गाड़ी में एक old monk रख ली और सोचा रास्ते में जहाँ खाना खाऊँगा वहाँ दो पेग भी लगा लूँगा। काम हो चुका था और christmas eve भी थी। हम शिमला वालों के लिये christmas eve के कुछ अलग मायने हैं।
शिमला से निकला तो पुराना बैरीअर आता है और वहाँ एक पेट्रोल पम्प है। मुझे लगा अभी छे सात घण्टे गाड़ी चलानी है तो पेट्रोल भरवा लेता हूँ। मैंने हॉर्न बजाया पर कोई नहीं आया, मैंने फिर बजाया तो भी कोई नहीं। मैं गाड़ी से निकला और ग़ुस्सा भी था और तभी cabin के दरवाज़े से एक लड़का बोला, ‘sir हम खाना खाने लगे हैं आप दस मिनट रुक जाओ या आगे थोड़ी ही दूर एक और पेट्रोल पम्प है।’
मैंने सोचा खाना तो ये दस मिनट में खा लेंगे! शिमला छोड़ते हुए एक किलस भी मन में होती है। मुझे लगा एक drink ले लेता हूँ इस बीच। मेरे पास ग्लास नहीं था तो cabin की ओर बढ़ गया। ये लोग बीच में एक पतीला रख के बैठे थे हीटर के बग़ल में और ये लड़का पीछे की तरफ़ ईंट के चूल्हे पे बड़ी बड़ी रोटियाँ बना रहा था। मैंने कहा कि आप लोग खाना खाओ मैं वेट कर लूँगा पर एक ग्लास है तो दे दो! जो अधेढ़ उम्र का आदमी था वो बोला sir हीटर के पास बैठ जाओ यहीं ले लो जो लेना है। मैंने दोपहर से कुछ नहीं खाया था और रोटी की महक ने भूख बढ़ा दी। एक पीपे पे मैं बैठ गया और ये लोग बोरी पे ज़मीन पे बैठे थे।
मैंने अपना ड्रिंक बनाया और पूछा आप लोग! बहुत hesitation के बाद सबने अपने ग्लास दे दिये। ये लड़का जो रोटी बना रहा था मैंने उस से पूछा तो बाक़ी सबने कहा ये नौकरी dhoond रहा है, MSC है। मैंने कहा आज क्रिस्मस की रात है और 31st को मेरा जन्मदिन है, यहीं मनाएँगे आज। बहुत hesitation के बाद उसने एक बूँद के साथ cheers किया और इसके बाद इन लोगों ने मुझे insist किया कि आप खाना यहीं खाओगे हमारे साथ। मूँग दाल और बड़ी बड़ी रोटियाँ चूल्हे की, साथ में इस लड़के ने एक पहाड़ी गाना सुनाया। मज़ा आ गया!!! क़रीबन एक घण्टे बाद मैं उठा तो ये लड़का मेरी गाड़ी में पेट्रोल भरने आया, मैंने अपनी bottle वहीं इन लोगों के लिए छोड़ दी और वो क्रिस्मस ईव मना रहे थे।
जब पेट्रोल भर रहा था तो मैंने थोड़ा away होके cigarette जला ली और ये मेरे पास आया बोला, ‘sir अपनी वाली पीला दो!’ मैंने उसको सिगरेट दी, पेट्रोल भी भर गया, मुझे चलना था, मैंने कहा तुम्हारा नाम क्या है यार। बोला, ‘सर! पेट्रोल पम्प वाला लड़का याद रखना!’
मैं और माँ सर्टिफ़िकेट बना के गाड़ी में बैठे तो माँ बोली लोग तुझे पहचानते हैं अब! रमन तेरी तारीफ़ कर रहा था! मैं गाड़ी चला रहा था और एक smile आ गई, माँ को अपना नाम बता गया ये ‘पेट्रोल पम्प वाला लड़का’!
अब रमन की दाढ़ी सफ़ेद हो चुकी है और जब भी ऊना जाना होता है और तहसील, तो वो और मैं एक कोने में ‘मेरे वाली सिगरेट पीते हैं!’
चुपचाप...

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